अशोक मधुप
वरिष्ठ
पत्रकार
मणिपुर में भाजपा के मुख्यमंत्री एन
बीरेन सिंह ने रविवार को त्यागपत्र देकर पार्टी की टूटन तो बचाली, किंतु
भाजपा के लिए नए मुख्यमंत्री का चयन बड़ा कठिन होगा, उससे ज्यादा कठिन होगा वहां बने नए मुख्य मंत्री
को सत्ता संभालकर वहां के हालात को सही
करना। राज्य की बिगडी कानून व्यवस्था को सुधारना
उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी। लगभग दो साल से राज्य में
फैली हिंसा पर नियंत्रण पाना उसके सामने दातों चने चबाने जैसा होगा। मणिपुर
की जनता का विश्वास जीतने के लिए उन्हें कठिन परिश्रम करना होगा।
मणिपुर की सीमा म्यांमार से लगी
है।आरोप लगते रहे हैं कि चीन यहां के आतंकवादी संगठन , यहां के आदिवासी को पहले से ही भड़काता रहा है।मणिपुर
में विवाद और जातिय संघर्ष की शुरूआत का कारण मणिपुर उच्च न्यायालय का 19 अप्रैल 2023 का आदेश रहा। इस आदेश
में राज्य के बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को
अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया गया था। हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया
था कि वह 10
साल पुरानी
सिफारिश को लागू करे जिसमें गैर-जनजाति मैतेई समुदाय को जनजाति में शामिल करने की
बात कही गई थी। इस आदेश के बाद राज्य में मैतेई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच
विवाद शुरू हो गया और धीरे-धीरे यह हिंसक रूप लेने लगा।
मणिपुर में 16 जिले हैं, लेकिन, पूरा राज्य दो हिस्सों में बंटा
हुआ है।
पहला इंफाल
घाटी, दूसरा पहाड़ी जिले। इंफाल घाटी
मैतेई बहुल इलाका है. वहीं,
पहाड़ी
जिलों में नागा और कुकी जनजातियों का वर्चस्व है। विशेष तौर पर चार पहाड़ी जिलों
में कुकी समुदाय के लोगों का राज है। मणिपुर की आबादी लगभग 28 लाख है. इसमें मैतेई समुदाय के
लोग लगभग 53
फीसद हैं।
मणिपुर के भूमि क्षेत्र का लगभग 10% हिस्सा इन्हीं लोगों के कब्जे में हैं।वहीं, कुकी समुदाय की राज्य में कुल आबादी
30 फीसदी हैं. इसी समुदाय के द्वारा
मैतेई समुदाय को आरक्षण देने का विरोध करते रहा गया है। इसके पीछे इनकी दलील यह है
कि अगर मैतेई समुदाय को आरक्षण मिलता है तो वे सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक
संस्थानों में दाखिले से वंचित हो जाएंगे। मैतेई लोग अधिकांश आरक्षण हथिया लेंगे। ज्ञातव्य
है कि मैतेई समुदाय के द्वारा करीब 10 साल से राज्य सरकार से आरक्षण की मांग की जा रही है। मांग के पक्ष
में फैसला नहीं आने के बाद मैतेई जनजाति कमेटी ने कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने इस
मांग को लेकर राज्य सरकार से केंद्र से सिफारिश करने की बात कही है। इस सिफारिश के
बाद ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने विरोध जताना शुरू कर दिया।इस आदेश के
बाद राज्य में मैतेई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच विवाद शुरू हो गया और धीरे-धीरे
यह हिंसक रूप लेने लगा।
मैतेई को एसटी का दर्जा दिए
जाने के हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ आदिवासी छात्र संघ के तीन और चार मई 2023 'एकजुटता मार्च'
के दौरान इंफाल और कुकी बहुल
जिलों में हिंसा भड़क उठी। मणिपुर सरकार ने अगले पांच दिनों के लिए पूरे राज्य में
मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया और आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया।
इंफाल में 4
मई 2023
को भाजपा विधायक वुंगजागिन
वाल्टे पर भीड़ ने हमला किया। इस दौरान करीब नौ
हजार लोगों को हिंसा वाले
क्षेत्र से निकाला गया। मणिपुर में जातीय हिंसा बढ़ने के वहां सेना को तैनात किया
गया। राज्यपाल ने बढ़ती हिंसा के बीच देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किए।हालत इतने खराब हुए कि आठ मई 2023 को मुख्यमंत्री एन बीरेन
सिंह ने बताया कि कि,
राज्य में जातीय संघर्षों में
60
निर्दोष लोगों की जान चली गई
। 200
से अधिक घायल हो गए। इस जातीय
हिंसा के कारण 35
हजार लोग बेघर हो गए। हिंसा
में लगभग 1700
घर जला दिए गए,
और पुलिस शस्त्रागार से 1041
हथियार और 7460
राउंड गोला-बारूद लूट लिया
गया।केंद्र सरकार ने मणिपुर में हिंसा की जांच के लिए गुवाहाटी हाई कोर्ट के पूर्व
चीफ जस्टिस अजय लांबा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया। दस जून
2023
को केंद्र ने विभिन्न जातीय
समूहों के बीच शांति स्थापित करने के लिए मणिपुर के राज्यपाल और एन बीरेन सिंह के
नेतृत्व में 51
सदस्यीय शांति समिति का गठन
किया।14 जून 2023
और 15 जून 2023 को मणिपुर
की एकमात्र महिला मंत्री नेम्फा किपगेन के इंफाल स्थित सरकारी आवास में आग लगा दी
गई। 15
जून 2023
मणिपुर में फैली जातीय हिंसा
की आग के कारण राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ती चली गई। हिंसा की
आग में विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन का आवास भी जलकर खाक हो गया।हालत इतने खराब हुए कि मणिपुर में हथियारबंद भीड़ ने भाजपा
नेताओं,
घरों और कार्यालयों को निशाना
बनाया। इंफाल में भाजपा मंडल कार्यालय को जला दिया गया. हालांकि,
समय रहते सेना और रैपिड एक्शन
फोर्स ने भाजपा कार्यालयों और पार्टी के मणिपुर प्रमुख और एक राज्य मंत्री के घरों
में आग लगाने के कई प्रयासों को विफल कर दिया. वहीं, 24 जून 2023
को भीड़ ने इंफाल पूर्वी जिले
के कांगला सांगोमसांग में मणिपुर के कैबिनेट मंत्री एल सुसिंड्रो के गोदाम और
फार्महाउस को जला दिया। चार अगस्त
2023 को मणिपुर
की भीड़ ने आईआरबी (मणिपुर के बिष्णुपुर में द्वितीय भारत रिजर्व बटालियन (आईआरबी)
मुख्यालय) से एलएमजी,
मोर्टार,
ग्रेनेड लूटे. 500
की भीड़ ने शस्त्रागार को
निशाना बनाया और 298
राइफलें,
एसएलआर और एलएमजी के साथ
मोर्टार,
ग्रेनेड और 16
हजार से अधिक राउंड मिक्सड
गोला-बारूद लूट कर फरार हो गए।हालाकि न्यायालय ने अपने आदेश पर रोक लगा दी ,किंतु
हालात उसके बाद भी सामान्य नही हुए।
प्रदेश सरकार के निय्रत्रण में
हालत न देख मणिपुर कांग्रेस ने घोषणा की
कि वह 10
फरवरी को बीरेन सिंह सरकार के
खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. 9 फरवरी 2025
को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन
बीरेन सिंह ने नौ
फरवरी 2025
को राज्य में जातीय हिंसा
भड़कने के करीब दो साल बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया।नवंबर 2024
तक मणिपुर की जातीय हिंसा में
258
लोगों की जान जा चुकी है। राज्य
को 60 हजार से ज्यादा लोगों को विस्थापित करना पड़ा।
खास बात यह रही कि 60
सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में
कई भाजपा विधायक अब सीएम बीरेन सिंह के कामकाज का खुलकर विरोध कर रहे हैं।वर्तमान
में 60
सदस्यीय सदन में सत्तारूढ़
भाजपा के 37
विधायक हैं. हालांकि,
उनकी चिंता तब शुरू हुई जब
पिछले साल 19
नवंबर को मुख्यमंत्री द्वारा
बुलाई गई बैठक में कई विधायक शामिल नहीं हुए। छह विधायकों वाली एनपीपी जो भाजपा की
सहयोगी थी,
उसने पहले ही बीरेन सिंह से
नाराजगी जताते हुए समर्थन वापस ले लिया है।दिलचस्प बात यह है कि एनपीपी प्रमुख और
मेघालय के सीएम कोनराड के संगमा ने भी अपनी पार्टी के समर्थन के लिए पूर्व शर्त के
रूप में बीरेन के प्रतिस्थापन की मांग की है।राज्य में शांति स्थापित करने में
बीरेन सिंह सरकार की विफलता पर 10 कुकी विधायकों ने अपनी
नाराजगी जाहिर की है,
जिनमें से सात भाजपा के हैं।
अब बीरेन सिंह के त्यागपत्र
के बाद राज्य के खराब हालात में भाजपा के लिए सर्व सम्मति से मुख्यमंत्री का नाम तै करना बड़ा चुनौती पूर्ण होगा। क्योंकि उसे ऐसा आदमी खोजना होगा कि वह आंदोलनरत
संगठनों का विश्वास जीत सके। वहां के हालात सुधारने में सक्षम हो।आने वाले
मुख्य मंत्री के लिए भी हिंसा की आग में फैले
राज्य में शांति स्थापना का कार्य बड़ा चुनौती पूर्ण होगा।।
अशोक मधुप
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)
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