Sunday, February 10, 2019

रामकुमार शर्मा वैद्य

कल को बसंत -पंचमी है ऋतुराज बसंत।दूर दूर तक पीली आभा और बिखरा होता है अनुपम सौंदर्य ।जब भी बसंत आता है बिजनौर के

रामकुमार शर्मा वैद्य बहुत याद आते हैं।वे इस अवसर को हर साल मनाते थे।तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम होते थे।अंतराष्ट्रीय स्तर का कवि सम्मेलन होता।खेल होते।वैद्य थे। अतःवनौषधि -प्रदर्शनी भी लगती। वैद्य जी को आयुर्वेद के कई ग्रंथ कंठस्थ थे।

रामकुमार जी मूलतः पैजनियां , बिजनौर निवासी थे |वैद्य जी पत्रकार थे।"कण्व भूमि "नाम से अपना साप्ताहिक निकालते।दिल्ली से निकलने वाले एक दैनिक के रिपोर्टर थे। वालीवाल के खिलाड़ी थे। सिविल लाइन्स में उनकी शंकर औषधालय नाम से दुकान थी।बाद में नजीबाबाद बस स्टेंड पर आ गए थे।उनकी सिविल लाइन की दुकान पर बड़ा बेटा हरीश बैठने लगा। वैद्य जी की अपनी फार्मेसी थी।रावली में कण्वाश्रम की स्थापना के लिए उन्होंने बहुत कार्य किया।उनके साथी थे नई बस्ती निवासी श्री चंद्र शेखर शास्त्री जी।रावली के स्कूल प्रांगण में कण्वऋषि की प्रतिमा लगवायी।इसका उद्घाटन उन्होंने पूर्व रक्षमन्त्री जगजीवन राम से कराया था। बाद में सब खत्म हो गया।
उनके जाने के बाद बसंत पर बिजनौर में कार्यक्रम ही होने बन्द हो गए।
बहुआयामी प्रतिभा के धनी वैद्य जी को नमन।हार्दिक श्रद्धांजलि