Monday, October 2, 2023

मित्रता दिवस पर दोहे

एक मित्र ही खोजिए,जो हो दुख का यार। सुख में तो मिल जाएंगे,यारा मित्र हजार। -जब भी तुम बेचैन हो,करना मुझको याद । मन ही मन हो जायगा,बस सीधा संवाद। -अर्थ बहुत चिंतित भए,शब्द रहे हैं रोय। मतलब के संसार में,कैसे रिश्ते बोय? प्रेम डगर है अगन की,जल कर कुंदन होय। राधा, मीरा, हीर की,पीड़ा समझे कोय। – दिन बीता पूरा सखे!आयी होने रात। वेलेंटाइन दौर है ,कर लो कोई बात। -कैसे भी हालात हों,कैसी भी हो बात। अब तो छूटेगा नहीं ,मित्र ,तुम्हारा साथ। – एक बूंद था चाहिए,मिला असीमीत प्यार। ऊपर वाले मैं तेरा,करता जय -जय कार। महाभारत जीते बड़े,जीतीं भारी जंग। पग पग राह दिखा रहे,रहकर साथी सँग। -एक दोस्त की ही रही ,मुझे सदा दरकार। अगनित लेकर आ गए,झोली भर- भर प्यार। अशोक मधुप

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