Thursday, July 5, 2012


हज ही नहीं, कैलाश यात्रा के प्राइवेट आपरेटर पर भी सख्ती हो
अशोक मधुप
हज यात्रा कराने वाले  निजी आपरेटर के लिए विदेश मंत्रालय ने नियम कड़े करने का फैसला लिया है। आज जरूरत इस बात की है कि  हज यात्रा  के साथ- साथ   सरकार  कैलाश की यात्रा कराने वाले प्राइवेट आपरेटर  पर भी सख्ती करे। उनके लिए नियम बनाए। सुविधानुसार रेट निर्धारित करें।
 ये आपरेटर कैलाश यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं से मनमानी वसूली तो कर ही रहे है। घोषित सुविधाए उपलब्ध नहीं कराते। इनकी धींगामुश्ती का विरोध करने वालों को  डराया और  धमकाया तक जाता है। खर्च  ज्यादा आने के कारण ये कैलाश परिक्रमा नहीं कराना चाहते हैँ। मानसरोवर झील के तटपर तीन चार दिन रोक कर श्रद्धालुओं को वापस ले आतें हैँ। कैलाश परिक्रमा न कराने के लिए कई आपरेटर  चीन सरकार के   बारे में उल्टी सीधी अफवाह फैलाते है। ये अफवाहें कभी भी भारत और चीन के संबध खराब कर सकती हैँ।
भगवान शिव पूरे भारत में हिंदू समाज के आराध्य हैं। सभी समान रूप से श्रद्धा के साथ  उनकी पूजा अर्चना करते हैँ। भारत के साथ विदेशों मे बसे भारतीय भी भगवान शिव के आराध्य हैं। प्रत्येक शिव उपासक  भगवान श्ंाकर के निवास कैलाश मानसरोवर की यात्रा कर पूण्य कमाना चाहता है। इनकी इसी आस्था का प्राइवेट टूर आपरेटर लाभ कमा रहें हैं।  आज  देश के लगभग पांच लाख श्रद्धालु प्रतिवर्ष प्राइवेट आपरेटर द्वारा कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाते हैं। भारत और काठमांडू का एक बड़ा आपरेटर अकेले  दो से ढाई  लाख यात्रियों को प्रतिवर्ष कैलाश की यात्रा कराता रहा है।  सरकार का नियंत्रण न होने  से ये आपरेटर ७० हजार से सवा लाख रूपये तक प्रतियात्री वसूलते हैं। और सेवा के नाम पर यात्रियों को सब्जबाग  ही दिखाते हैं। दावा करते  है कि तिब्बत में यात्रा के लिए लैंड कू्रजर गाड़ी मिलेंगी। इसमें तीन यात्री और उनके साथ के आक्सीजन सिलेंडर और जरूरी सामान के साथ एक एक शेरपा रहेगा। किंतु  तीस मई को यात्रा पर जाने वाले बजाज हिंदुस्तान के बत्तीस सदस्य और २८  मई को  जाने वाले राजस्थान के ६० सदस्य यात्री दल को लैंड कू्रूजर गाड़ी की जगह बस उपलब्ध कराई गई।  यात्रा के दौरान काठमांडू समेत यात्रा  मार्ग में पांच सितारा होटल में रहने की व्यवस्था  कराने का दावा किया जाता है,किंतु एक सितारा होटल में भी नही ठहराया जाता। गुजरात के पैतालिस सदस्य दल को  आपरेटर ने बाकायदा इश्तहार जारी कर दावा किया कि यात्रा के दौरान भागवत किंकर अनुराग कृष्ण जी शास्त्री कनहैया जी के सानिध्य में अटठाइस मई से होने वाली यात्रा के पड़ाव के दौरान प्रतिदिन सांयकाल कन्हैया जी के मुख से भागवत प्रवचन और सत्संग,मानसरोवर पर कनहैया जी के सानिध्य में  महारूद्राभिषेक यज्ञ होगा। यात्रा के दौरान गे्रटर हैदराबाद के भजन गायक तरूण कुमार झंवर की श्रीश्याम भजन संध्या प्रतिदिन होगी। किंतु इस यात्री दल के साथ न कन्हैया जी आए और न ही भजन गायक झंवर। इनके न आने पर यात्री दल अ पने को ठगा महसूस करता रहा। ये भी दावा किया गया कि यात्रा के दौरान शुद्ध सात्विक देशी घी का बना भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। देशी घी का भोजन तो क्या मिलता ,उसकी सुंगध तक का श्रद्धालु आनंद नही ले सके। इस दल में   ६१ सदस्य थे किंतु २३ सदस्य तिबबत बार्डर पर अधिकारियों द्वारा इसलिए रोक दिए गए कि आपरेटर की गलती से उनके  परमिट के पास्पोर्ट के नंबर और पास्पोर्ट के नंबर एक नहीं थे।
आपरेटर  नही चाहतें कि यात्री कैलाश की  परिक्रमा करें। क्यांकि इसकी व्यवस्था पर उनका खर्च काफी ज्यादा  आता है। इसलिए कभी कहतें हैं, मौसम खराब होने से यात्रा बंद है, तो कभी कहतें है कि चीन ने यात्रा पर रोक लगा दी है। मानसरोवर पर हमारे एक सौ अड़तालिस सदस्य यात्री दल को और अन्य यात्री दलोँ को भी आपरेटर द्वारा  बताया गया कि दारचैन में बौद्धों का बड़ा कार्यक्रम  था। इसमें दो बौद्ध भिक्षुओं ने आत्मदाह कर लिया। चीन ने यह कार्यक्रम रोक दिया और दारचैन जाने  पर रोक लगा दी।  दरचैन से ही कैलाश को रास्ता जाता है। इसके बद  होने से अब   अब परिक्रमा नही होगी। जबकि              
ऐसा कुछ नहीं था। मानसरोवर पड़ाव के तीसरे दिन हमारे एक साथी ने चीनी एजेंट से पूछ लिया कि यात्रा रूकने का कया कारण है। उनसे बताया कि भारतीय आपरेटर उनका भुगतान नही कर रहा। इसलिए वे यहां रूके हैं। पैसा मिलते ही यात्रा शुरू हो  जाएगी। दारचैन में प्रवेश की किसी भी प्रकार की रोक को उसने गलत बताया।शोर शराबा करने के बाद  शाम को हम दारचेन पंहुचे तो वहां सब कुछ सामान्य था। दारचैन में प्रवेश पर रोक की बात केवल अफवाह थी।
ये अफवाहें चीन सरकार  तक पंहुच कर कभी भी हमारे  और चीन के रिश्तें खब कर सकती हैं।  इसलिए अब जरूरी हो गया है कि इन आरपेटर की गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाए। प्रत्येक प्रकार की सुविधा के रेट निर्धारित हो। सुविधा देने की शिकायत पर इन आपरेटर के विरूद्ध कठोर कार्रवाई का प्रावधान हो। अच्छा यह रहे कि भारत सरकार हज यात्रा की तरह काठमांडू वाले कैलाश मानसरोवर यात्रा के रूट पर श्रद्धालुओं को अपने आप यात्रा कराए।
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अमर उजाला में  2अमर उजाला में  29 जून को श्रद्धा 
 पेज पर प्रकाशित मेर लेख का चित्र उपर और मूल लेख साथ में 9 जून को श्रधा पेज पर प्रकाशित मेर लेख का चित्र उपर और मूल लेख साथ में 

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