Friday, April 13, 2018

बिजनौर में भी हुआ था हिरन के शिकार का प्रयास


बिजनौर में भी हुआ था हिरन के शिकार का प्रयास
हिरन का शिकार सलमान खान को महंगा पड़ा। उन्हें हिरन मारने में जेल जाता पड़ा। भगवान राम को हिरन के शिकार के लिए माता सीता को खोना पड़ा था। इतिहास गवाह है कि ‌हिरन का जब -जब भी शिकार हुआ। नया इतिहास बना। सलमान खान और भगवान राम का शिकार दुखद कहानी बना ।
बिजनौर जनपद में भी हिरन के शिकार का प्रयास हुआ था। यह प्रयास समाज के लिए सुखद रहा। बिजनौर जनपद की श‌िकर गाथा काफी पुरानी हो गई । बिजनौर पहले वन क्षेत्र था। गंगा और राम गंगा के बीच अरण्य स्थल। गंगा राम गंगा के बीच बसा होने के कारण दस्यु और राजनैतिक हमलों से सुरक्षित स्थल। ऐसी जगह साधु महात्माओं के आश्रम के लिए बहुत उपयुक्त थी। इस भूमि में एक राजा आतें हैँ। उन्हें एक हिरन द‌िखाई देता है। ‌हिरन को देख वे अपने धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाते हैं। अनुसंधान के लिए तरकश से तीन निकालते हैँ। धनुष पर तीर रखते ही सारथी उनका मन्तव्य समझ जाता है। वह हिरन के पीछे रथ दौड़ा देता है। हिरन बहुत तेज दौड़ता है। वह आने वाले संकट को भांप लेता है। जान बचाने के लिए दौड़ पड़ता है। मौत का भय उनकी गति कई गुनी बढ़ा देता है। वह कभी- इधर दौड़ता है।कभी उधर दौड़ता है। जान बचाने के लिए लुकाछिपी शुरू हो जाती है। राजा और उसके सारथी शिकार पर नजर गड़ाए हैँ। उनको यह पता ही नहीं चलता - कितनी दूर आ गए। कहां आ गए। अचानक रथ के मार्ग में आए कुछ तपस्वी उन्हें रोकतें हैं। कहते है राजन आश्रम का मृग है। इसका शिकार न करें। अचानक तपस्वी के रास्ते में आने पर राजा रूकतें हैं। और चारों और देखतें हैं । समझ जाते हैं कि वे आश्रम में आ गए। राजा थे दुष्यंत।कण्व ऋषि का आश्रम। यहां उन्हें मिलती है शकुतंला। मह‌‌र्ष‌ि की गोद ली पुत्री ।मेनका और विश्वामित्र की संतान। दुष्यंत और शकुंतला का प्रेम परवान चढ़ता है। इनसे हुए बच्चे का नाम भरत हुआ। ये देश का प्रतापी सम्राट हुआ। इसी के नामपर देश का नाम भारत वर्ष पड़ा।
अशोक मधुप

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