Sunday, November 27, 2016

मीरा की कढ़ाई


कौन जिम्मेदार है , मै नहीं जानता। किंतु आज हम हिंदू और मुुसलमान में बंट गए हैँ। छोटी-  छोटी बात पर लड़ाई झगड़े पर उतर आते हैं।
जबकि हिंदुओं में  आज भी ऐसा नहीं है। हमारे कई कार्य  मुस्लिम  धर्म गुरू  के बिना संभव नहीं ।  हाल में छोटे बेटे की शादी थी। शादी के बाद दुल्हन के हाथ से मीरा की कढ़ाई  होती है। इसका नाम मीरा की कढ़ाई क्यों पड़ा , मैं ये नहीं जानता। किसी साथी को पता हो तो बताने का कष्ट करें।
मीरा की कढाई में गुरूवार के दिन दुल्हन कढ़ाई में मीठे पूड़े बनाती है। मुस्लिम धर्म गुरू  कढ़ाई  कराते हैं। उन्हें सम्मान के साथ बुलाया जाता है। कढ़ाई में एक बार में जितने पूड़े उतरतें हैं। उनको किसी बर्तन में लेकर दुल्हन हाथ जोड़कर उनके सामने बैठ जाती है। मुसलिम धर्म  गुरू दुआ की स्थ‌ित‌ि दोनों हथेली मिलाकर कुछ पढ़ते हैं। हो सकता है। कलमा पढ़ते हो। या दुआ करते हों। उसे पढ़ने केबाद वे दुल्हन के सिर पर फूंक मारते हैं।
  इसके बाद मुसलिम विद्वान पूड़े ले लेतें हैं। श्रद्धानुसार उन्हें दक्षिणा  ( धन ) भी दिया जाता है।
मुसलिम  धर्म गुरू क्या पढ़तें  हैं मै नहीं जानता। किंतु यह ‌  सिलसिला चलता चला आ रहा है।
मीरा की कढ़ाई  बड़े बेटे की शादी में भी मेरे घर के सामने रहने वाले एक सज्जन ने कराई थी। इस बार  दूसरों    ने कराई  है।
क्या कोई  बतायगा कि मुसलिम धर्म गुरू क्या पढ़तें हैं। इसका मीरा से क्या संबंध  है। इस क्रिया का नाम मीरा की कढ़ाई क्यों पड़ा। इसकी क्या मान्यता है।

5 comments:

Unknown said...

नमस्ते अंकल,
सबसे पहले तो मैं आपसे ये बोलना चाहती हूं कि आपने जो ये मीरा की कढ़ाई के बारे में लिखा है ये बिल्कुल गलत रिवाज़ है। हमारी हिन्दू संस्कृति में मीरा की कढ़ाई नाम का कोई भी रिचुअल नही है।
हमारी संस्कृति में माता की कढ़ाई होती है।
अम्बे मा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए।
इसमे new married कृष्णा पक्ष की अष्टमी को माता रानी को नारियल चुन्नी फूलमाला कुमकुम अक्षत दूध से बना भोग और हलवा इत्यादि चढ़ाती है।
मैं आपसे सिर्फ ये कहना चाहूंगी कि अंधी दौड़ में मत भागिए।विधर्मियो के ये रीति रिवाज मत अपनाइये नही तो मुसीबत से अलग कुछ प्राप्त नही होगा। धन्यवाद

Anonymous said...

बहन आप जो भी हैं मैं आपको प्रणाम करता हूं। मैं एक कट्टर हिंदू family से हूं
और मैं भी अपने घर वालो को समझा समझा कर परेशान हो गया हूं की कोई 1400 साल पुराना धर्म कैसे हमारे हिंदू धर्म में हस्तक्षेप कर सकता है, क्या श्री राम की शादी में किसी मियां की कढ़ाई हुई थी?? नहीं ना? तो हम अपने घर में कैसे कर सकते हैं, यही बात मेरी फैमिली को समझ नही आ रही।

Anonymous said...

Net par search karne par mila meera baba ki mazar h amroha mein Jise Hindu pooj rahe h

Anonymous said...

I also fed up with this ritual...mai apni sasural me samjaati hu..koi samjhte ke liye taiyar nhi hai...sab bahut qualified educated hai..fir bhi follow karte chale aa rahe hai..

Anonymous said...

Yes this must br stopped. If some one has done something then we must not carry that foolishly...