Sunday, June 20, 2021

नया साल

 

 नया साल

लो ये भी बीता सखे,चलो पुराना साल।
जो बीता अब क्या करें,उसपर सोच मलाल।

: नया साल जब आएगा , देखेंगे उस ठौर।
अभी अभी है तो सखे, इसी साल का दौर।

-चलो विदा देते तुम्हें!,रही साल भर जंग।
खट्टी मीठी याद तो,सदा रहेंगी संग।
-तुमने तो सपने किए,कईं मेरे साकार।
नफरत तो कम ही मिली, बहुत मिला पर प्यार।
- कई विदा हमसे हुए, कई जुड़े हैं संग।
नफरत पर जीती सदा,प्रेम- प्यार की जंग।

- नया साल शुभ हो शुभे, शुभ हों सारे काम।
खूब तुम्हे ख्याति मिले, जग में होवे नाम।

-: अभी चुनौती हैं नयी, नए साल के साथ।
सतत सफर चलता रहे,कृपा करें रघुनाथ ।

रोते हंसते कट गया,जीवन का ये दौर।
नया साल लाये सखे, खुशहाली की भोर।

 

मुक्तक 

जो नहीं मिला उसकी, आस लिए बैठे हैं।
इच्छाओं की पुटलियाॅ, पास लिए बैठे हैं।
मेरे साथ मेरों के भी, हों सपन सभी पूरे,
नए साल! तुझसे नए ,विश्वास लिए बैठे हैं।
अशोक मधुप

No comments: