Thursday, September 17, 2009

आंखे है तो जहान है

अब पता चला दुनिया कितनी रंगीन एवं सुंदर है


दोंनों आखो में मोतिया उतर आने से पिछले कुछ साल से परेशान था। जब अखबार पढना दुष्कर हो गया तो मजबूरन आंख बनवाने का निर्णय लेना ही पडा। बिजनौर का रहने वाला हूं पर मैने महसूस किया कि वीआईपी समझ यहां के चिकित्सक मेरा आपरेशन करते बचते हैं। इस हाल मे मैं आपरेशन की सोच रहा था कि कई मित्रों ने सलाह ही कि देहरादून के अमृतसर आई हास्पिटल में आपरेशन कराया जाए। बिजनौर के मेरे नजदीकी चरक पैथोलोजी लैब के स्वामी डाक्टर योगेंद्र सिंह ने तो अमृसर आई अस्पताल के डाक्टर दिनेश शर्मा की जमकर प्रशंसा की । देहरादून में रहने वाले छोटे भाई से भी ज्यादा रहे वाइस आफ इंडिया न्यूज चैनल के उत्तरांचल के स्थानीय संपादक सुभाष गुप्ता से बात की तो उन्होंने डाक्टर दिनेश शर्मा को अपना पुराना परिचित बताते हुए मेरा होसला बढा दिया। अगले दिन मै देहरादून पंहुच गया। सुभाष मुझे अस्पताल पर ही नही मिले, अपितु देहरादून में अस्पताल का रास्ता भी बताते रहे। आपरेशन के दौरान मेरे पास ही रहे। खैर मैने डेढ माह के अंतर से दोनों आखों का आपरेशन करा उनमें लैंस लगवा लिया।
डाक्टर ने मुझे आंख बनाने के बाद पहनने को काला चश्मा दियां। इस चश्मे को पहन कर आज मै जैसा देखता हूं, एेसा मुझे पहले दीखता थां। आज मेरी दुनिया बिलकुल बदल गई।दुनिया इतनी खूबसूरत एवं रंगीन है,एेसा पहले कभी सोचा भी नहीं था। आज रंग बहुत ही चटख दीख रहे हैं। अखबार पढते समय वे बहुत फीके एवं फोटो बहुत हलकी स्याही में छपे लगते थे । अब लगता है कि यह पुराने अखबार नही है। इनके चित्र तो बहुत ही आकर्षक व मनोहारी है।
एेसी नई एवं खूबसूरत दुनिया दिखाने के लिए अमृतसर आई अस्पताल के डाक्टर दिनेश शर्मा एंव उनकी टीम का आभार।

5 comments:

Meenu Khare said...

मेरी माँ की भी आँखों के मोतियाबिन्द का ऑपरेशन होना है ..आपका लेख पढ़ कर बहुत अच्छा लगा. माँ को भी पढ़ कर सुनाऊँगी.

Anonymous said...

आप बहुत लकी हैं... आपको चाहने और ध्यान रखने वाले साथी मिले हैं। नई रोशनी की नई दुनिया मुबारक। इस दुनिया और रोशनी को सुंदर बनाने वाले दरअसल हम ही हैं। आप खुद दूसरों के लिए अच्छा सोचेंगे, अच्छा करेंगे, तभी तो आपको अच्छे लोग मिले होंगे.... उन चिकित्सक महोदय को भी बधाई। उनके हुनर की भी... और आप जैसा आदर्ष मरीज मिलने की भी।

Anonymous said...

आप बहुत लकी हैं... आपको चाहने और ध्यान रखने वाले साथी मिले हैं। नई रोशनी की नई दुनिया मुबारक। इस दुनिया और रोशनी को सुंदर बनाने वाले दरअसल हम ही हैं। आप खुद दूसरों के लिए अच्छा सोचेंगे, अच्छा करेंगे, तभी तो आपको अच्छे लोग मिले होंगे.... उन चिकित्सक महोदय को भी बधाई। उनके हुनर की भी... और आप जैसा आदर्ष मरीज मिलने की भी।

SUBHASH GUPTA said...

बहुत बहुत बधाई। विश्वास है कि आपकी निगाहों से बिजनौर और अच्छा देखेगा....

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

मेरी शुभकामनाएं !