Thursday, September 14, 2023

हिंदी पर दोहे

 हिंदी अपनी है सखे,

अपना हिंदुस्तान,

इसपर भी अच्छा लगे ,
बजता जनमन गान।
- हिंदी का उत्थान जो,
है करने का ध्यान।
रोजगार से जोड़िए,
हिंदी को श्रीमान।
-कहीं कन्नड़ की बात तो,
कहीं सिंधी की बात।
हिंदी तो बढ़ती सदा,
सबका लेकर साथ।
-उर्दू ,कन्नड़,कोंकणी,
ओ पंजाबी दौर।
मिलकर के चल दें यदि,
हो हिंदी सिरमौर।
- किसको हिंदी दोष दे,
किस्से करे गुहार।
द्विभाषी जब हो गए,
हिंदी के अखबार।
-हिंदी,सिंधी,कोंकणी,
सब बहने श्रीमान।
एक देश, परिवार है,
सबका रखिये ध्यान।
-एक दिवस से कभी ना,
हो हिंदी उत्थान।
रोज मने हिंदी दिवस,
तब ही हो कल्याण ।
-न हिंदी हिंदी रही,
ना उर्दू श्रीमान।
दोनों मिलकर रच रहीं,
अपना हिंदुस्तान।
-देवनागरी लिपि हो,
हो हिंदवी में बात।
मिलकर सब भाषा चलें,
दें दुश्मन को मात।
- त्रिभाषा को पढ़ाइए,
बेसिक में श्रीमान ।
हिंदी इंग्लिश साथ दो ,
लोकल भाषा ज्ञान।
-हिंदी तो इस देश की ,
सदा रही है शान।
राजनीति पहुंचा रही,
बस इसको नुकसान ।
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Abhai Mital

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