Tuesday, January 14, 2014

मौसम टोपी का है


जुम्मन मियां आज सवेरे ही मेरे घर पर आ धमके। बोले, मियां सोचतां हूं कि फिर से टेलरिंग का खानदानी काम शुरू कर दूं। मैने हंसकर पूछा, ये नया शगल दिमाग में कहां से आ गया? वह बोले, यार केजरीवाल ऐंड पार्टी ने दिल्ली में क्या टोपी लगाई कि जैसे टोपी युग लौट आया। टोपी से परहेज करने वाले भाजपाई भी अब टोपी पहने नजर आने लगे हैं। इनके गुरु संघी तो पहले ही टोपी लगाते हैं। सपाई भी टोपी पहनते हैं। राजीव गांधी से बाद कांग्रेस में टोपी युग खत्म हो गया था। लगता है कि केजरीवाल ऐंड पार्टी की जीत को ये टोपी का करिश्मा मानकर फिर से टोपी पहनना शुरू न कर दें। ऐसे में मुझे टोपी बनाने के काम में कोई नुकसान नजर नहीं आता। थुक गटकते हुए उन्होंने फिर से कहना शुरू किया, अलग-अलग पार्टियों के लिए टोपी सिलना मुश्किल काम भी नहीं है। टोपी सिलो। आप की सफेद है ही। भाजपाइयों के लिए भगवा, सपा के लिए लाल और संघी के लिए काली रंगवा दो। बस! काम बहुत अच्छा है। हल्दी लगे न फिटकरी, रंग चोखा होय। टोपी पहनने और खरीदने वाले नेता छुटभैया तो होंगे नहीं, जो मोल-भाव करें। बड़े नेता होंगे, जो मांगो वह मिलेगा। दुकान अच्छी चलेगी। चुनाव के टाइम तो पौ-बारह रहेगी। जैसे केजरीवाल के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के दिन उनकी पार्टी के चुनाव निशान झाड़ू की दिल्ली में इतनी मांग हुई कि कई गुने दाम देने पर भी बाजार में टोटा पड़ गया। मैने कहा, भाई बहुत अच्छा है। आप टोपी पहनाने का तो काम करोगे। दूसरों को इज्जत बख्शोगे। वरना ये राजनेता दूसरों को टोपी पहनाते नहीं, उनकी टोपी उतारते हैं। सरे बाजार उछालते हैं। जहां कोई विरोधी आगे बढ़ा, लगे उसकी कमी निकालने। उनकी ही नहीं, उसके पूरे कुटुंब की जन्मकुंडली खोजी जाने लगती है। छांट-छांटकर आरोप लगाए जाने लगते हैं। यह भी नहीं सोचा जाता कि किसे क्या कह रहे हैं। कोई यह नहीं सोचता कि अगर तुम्हें दूसरा ऐसा कहे, तो कैसा लगेगा? इनका काम टोपी उछालना है, तो कुछ तो कहना ही है। कोई तो आरोप लगाना ही है। कब किसे वे डाकू मानसिंह या सुलताना का वंशज बता दें, नहीं कहा जा सकता। किसी विरोधी को हिटलर, नादिरशाह या मुहम्मद बिन तुगलक से जोड़ते इन्हें शर्म नहीं आएगी। बड़ी बेशर्मों की पंचायत है यह। अच्छा है, तुम इन गंदों को टोपी पहनाओगे। इनकी टोपी उतारोगे नहीं। अशोक मधुप Mera yah vyang Amar ujala me 14 janvari ko sampagkiye page par chapa hae